देवास जिले में भाजपा संगठन काफी मजबूत- विधायक

– नवनियुक्त जिलाध्यक्ष एवं देवास विधानसभा के मंडल अध्यक्षों के सम्मान समारोह में बोलीं विधायक
– भाजपाई कितने साथ ये तो सब जानते ही हैं
राजनीतिक संवाददाता, देवास। भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव एवं देवास विधानसभा के चारों मंडल अध्यक्ष शुभम चौहान, देवेन्द्र नवगौत्री, मधु शर्मा, सुरेश सिसोदिया का अभिनंदन समारोह नेता सत्तापक्ष मनीष सेन एवं नगर निगम जल कार्य एवं सीवरेज समिति अध्यक्ष विनय सांगते द्वारा सेन समाज धर्मशाला में आयोजित किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि विधायक गायत्रीराजे पवार, नगर निगम सभापति रवि जैन, महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, पोपेंद्रसिंह बग्गा, मनीष सोलंकी, फुलसिंह चावडा, ओम जोशी आदि थे। सर्वप्रथम जिलाध्यक्ष एवं मण्डल अध्यक्षों का स्वागत हुआ।
मुख्य अतिथि विधायक गायत्रीराजे पवार ने कहा कि वास्तव में यदि देखा जाए संगठन का महत्व देवास जिलेे में दिखाई पडता है। देवास जिले में संगठन भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में चलता है। जिले की विधानसभाओं का नेतृत्व करने वाले रायसिंह जी हमारे बीच में उपस्थित हुए हैं। मैं मां तुलजा भवानी – मां चामुंडेश्वरी से कामना करती हूं कि नवनियुक्त जिलाध्यक्ष का कार्यकाल सफल एवं काफी सुचारू रूप से चले। संगठन को मजबूती मिले। भाजपा में संगठन ही सर्वोपरि है। कार्यकर्ताओं का सहयोग सेंधव को मिले। देवास विधानसभा से तो पूरा सहयोग सेंधव को संगठन मजबूती के लिए मिलेगा।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि मैं आप ही के बीच से निकला एक छोटा कार्यकर्ता हूं। संगठन ने मुझे बहुत बडी जवाबदारी सौंपी है, जिसका में पूर्ण रूप से निर्वहन करूंगा। इस अवसर पर राजेश यादव पहलवान, कवि शशिकांत यादव, विजय पंडित, प्रभात कल्याणे सहित बडी संख्या में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि और भाजपा के कई नेता मौजूद थे।
अब बात करते हैं कार्यक्रम में नहीं दिखने वाले कुछ चेहरों की। चर्चित चेहरों में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उनसे जुड़ी टीम इस कार्यक्रम में दिखाई नहीं दी। अब बुलाया नहीं, या गए नहीं ये सवाल को सभीके लिए छोड़ रहे हैं। सांसद की ओर से कौन था ये रहस्य भी बना ही रहे तो अच्छा है।
वैसे देवास में भाजपा के कार्यक्रमों में आयोजक के हिसाब से अतिथि और उपस्थिति तय होती है। कुछ सार्वजनिक आयोजनों में सभी एक साथ दिखाई देते हैं, पर रूकिए सिर्फ दिखाई ही देते हैं। साथ हैं या नहीं ये तो सभी जानते हैं। कुछ सवाल अनसुलझे ही अच्छे लगते हैं। हमें भी लिखने के लिए कुछ न कुछ मसाला तो चाहिए।
और अंत में अभी कुछ दिन पहले कार्यालय के एक मामले की चर्चा जोरों पर है। कुछ पासवर्ड, डीवीआर जैसे शब्द हवा में तैर रहे हैं। हालांकि हमको मालूम है, बताएंगे नहीं। ये आप पता कीजिए….
।। इतिश्री ।।
बाकी अगले अंक में…